Chaisa Cafe के द्वारा राहुल मुंद्रा दे रहे लोगों को रोजगार; जयपुर में Tea Boutique की बढ़ रही माँग
Tea की बात होती है तो रोड और टपरी की याद आती है | प्रायः हरेक जगह आपको चाय रोड किनारे ही मिलेंगे | धीरे धीरे यह नज़रिया बदल रहा है | अब Cafe और Boutique के माध्यम से भी चाय की चर्चा जोरों पर है | धीरे धीरे लोग चाय पीने भी Cafe की तरफ़ रुख कर रहे है | इसी को ध्यान में रखते हुए राहुल मुंद्रा ने Chaisa Cafe की स्थापना की थी | वह भी तब जब इस तरह का मार्केट नहीं हुआ करता था |
जी हां! हम बात कर रहे है साल 2012 की | इसी साल राहुल मुंद्रा ने Chaisa Cafe की शुरुआत की थी | आज से ठीक 10 साल पहले, जब लोगों को Cafe क्लचर के बारे में कुछ पता भी नहीं था | Chaisa Cafe ने कई कप चाय और स्वादिष्ट भोजन परोसते हुए 10 साल का भी सफर पूरा कर लिया है है | यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है | यह साल 2012 के ही सफलता का नतीज़ा है कि राहुल ने साल 2018 में दूसरा आउटलेट खोल डाला | इसके साथ ही Chaisa Cafe शादियों और कॉर्पोरेट आयोजनों में विशेष Tea Boutique के साथ Tea Catering सर्विस में भी प्रवेश कर गया | यह राहुल की ही सफलता नहीं बल्कि लोगों का Chaisa Cafe के प्रति प्यार को उजागर करता है |
राहुल मुख्य रूप से राजस्थान के अजमेर शहर के रहने वाले है | वह मारवाड़ी परिवार से तालुक्क रखते है | उनका बचपन अजमेर शहर में ही बीता | MBA के दौरान राहुल ने साल 2010 में अपने पिता को खो दिया और उस घटना ने राहुल की जीवन की दिशा ही बदल दी। उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट नहीं लिया क्योंकि राहुल अपनी माँ को अकेले छोड़कर कहीं दूर नहीं जाना चाहते थे | वह उनका देखभाल भी करना चाहते थे | उन्होंने उसके बाद दिल्ली में एक मेडिकल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के साथ अपना करियर शुरू किया और लगभग एक साल तक वहां काम किया। साल 2012 में अपनी माँ को लेकर राहुल जयपुर आ गए | फिर वहीं से Chaisa Cafe की शुरुआत हुई | सितंबर 2012 में Chaisa की शुरुआत हुई | Chaisa शुरू करने से पहले राहुल ने कुछ महीने Cordlife के साथ भी काम किया |
Chaisa Cafe शुरू करना राहुल के लिए आसान नहीं था क्योंकि राहुल अपने परिवार में ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने व्यवसाय शुरू करने के लिए नौकरी तक छोड़ दी थी | राहुल का पूरा परिवार नौकरी पेशे में थे | इसके बाद राहुल ने बताया कि एक रेस्तरां खोलना इतना आसान नहीं था उसपर भी एक Chai Cafe | वास्तव में परिवार में कई लोगों ने राहुल के इस आईडिया को स्वीकार नहीं किया | आगे उन्होंने बताया कि उनकी माँ ने उनका काफी हौसला बढ़ाया और उन्हें प्रेरित भी किया | इसी वजह से राहुल Chaisa Cafe खोलने में कामयाब हुए | शुरुआती दिनों में चीजें काफी कठिन थीं क्योंकि राहुल के लिए शहर के साथ-साथ उद्योग भी नया था |
किसी भी अन्य Startup की तरह इसके भी अपने फायदे और नुकसान हैं। आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती निवेश है | निवेश कैसे करना है, कब करना है यह बड़ी समस्या होती है | इसके साथ ही बेहतरीन खाना पीना और माहौल भी काफी मायने रखता है | Ambience भी एक बड़ा फैक्टर माना जाता है | यह धीरे-धीरे एक पूंजी प्रधान Startup भी बन गया है। दूसरी बात यह है कि यह Startup कर्मचारियों पर बहुत अधिक निर्भर करता है क्योंकि यह एक ऐसा Startup है जिसमें सबसे अधिक Attrition Rate है | साथ ही इस Startup में प्रवेश करने के इच्छुक किसी भी नए व्यक्ति के लिए कोई बाधा नहीं होती | इसी वजह से इस Startup में प्रतिस्पर्धा दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। यह एक ऐसा Startup है जो नए लोगों के लिए वरदान है और पुराने लोगों के लिए एक खतरा की तरह है |
लेकिन सारी परेशानियों के होने के बाद भी राहुल ने एक नया मुकाम हासिल किया है | 10 साल का समय कम नहीं होता है | राहुल ने बताया कि अब 10 साल हो गए हैं और अभी भी वह काफी कुछ सीख रहे है सीख रहे है | क्योंकि उनका कहना है कि एक बार जब आप सीखना बंद कर देते हैं तो आप बढ़ना बंद कर देते हैं और यह एक तरह का Startup है जहां नए चलन के साथ अपडेट रखना व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है | चाहे वह फूड सर्विस हो या तकनीक सेवा | राहुल का कहना है कि अब जल्द ही Franchise मॉडल लाने की योजना बनाई जा रही है ताकि हम एक बड़े ऑडिएंस वर्ग की जरूरतों को पूरा कर सकें। इसके अलावा शादियों और कॉरपोरेट्स में Tea Boutique भी बड़ी मांग में हैं इसलिए उस वर्टिकल पर भी काम किया जा रहा है | कोई कंपनी और Startup बड़ा तभी बनता है जब ग्राहक उसकी तारीफ़ करते है |
ग्राहकों को अच्छी सेवा देना, उन्हें खुश करना और बेहतर सर्विस मुहैया करवाना कंपनी और Startup का फर्ज़ होता है | Chaisa Cafe उसी दिशा में आगे बढ़ रही है | इसके साथ ही राहुल का कहना है कि ग्राहकों के द्वारा खर्च किये गए पैसों के बदले उन्हें बढ़िया खाने का स्वाद देना Chaisa Cafe की प्राथमिकता है | Chaisa Cafe इसपर खड़ी भी उतर रही है |