सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से घिरा बाबा मठार देव मंदिर की कहानी सुनकर रह जायेंगे दंग…
पर्यटन स्थल/ मठार देव/ संस्कृति
सनातन धर्म आदि और अनंत है, इसमें देवी देवताओं नदी पहाड़ वृक्ष पशु पक्षी प्रकृति में व्याप्त और प्राप्त साधनों को पूजने की संस्कृति ही इसे अन्य सभी माध्यमों से अलग बनाती है. इस सनातन संस्कृति में साधु संतो महपुरुषो का भी विशेष महत्त्व है.आज हम ऐसे ही संत बाबा मठार देव की कहानी आपके लिए लेकर आए है. किदवंती के अनुसार आज से तकरीबन 300 – 350 वर्ष पूर्व बाबा मठार देव बैतूल जिले के सारणी नगर की सतपुड़ा पर्वत की एक ऊंची चोटी में भगवान शिव की तपस्या किया करते थे. उनकी तपस्या इतनी कठोर और भावपूर्ण थी.स्वयं भगवान शिव ने उन्हे दर्शन देकर उन्हें वरदान स्वरूप उस जगह का मठाधीश बना दिया साथ ही उस स्थान में मठार देव के साथ उनकी पूजा करने वाले सभी श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण करने का आर्शीवाद दिया. संत मठार देव के जन्म को लेकर स्थानीय लोगों के पास कुछ जानकारी नहीं है. मठार देव सतपुड़ा की चोटी में स्थित गुफ़ा में तपस्या किया करते थे वही से फिर अंतर्ध्यान हो गए उसके बाद से बस उनके चमत्कार ही देखने को मिलते है. कुछ लोगों के अनुसार मठार देव आदिवासियों विशेषकर गोंड जन जाति के लिए विशेष महत्त्व रखते है.उनकी बाबा मठार में अत्यधिक आस्था है. जिस गुफा में बैठकर बाबा मठार देव ने शिव पूजा की थी वह आज एक भव्य मंदिर स्थित है. जो की तकरीबन 3000 फिट ऊंची चोटी में मौजूद है। इस भव्य मंदिर के बनने के पीछे भी एक कहानी है.. स्थानीय लोगों के अनुसार इतनी ऊंचाई में भवन निर्माण की सामग्री एकत्रित करना भी असंभव है, बाबा के भक्तों ने ये असंभव कार्य करने का बीड़ा उठाया मंदिर में आने वाले भक्त साथ में सीमेंट, गिट्टी, रेत थोड़ा – थोड़ा प्रसाद के वजन का लेकर ऊपर चढ़ते थे, उसी सामग्री को इकठ्ठा करके मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हुआ है.
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मठार देव मंदिर समिति के अध्यक्ष डी के गौतम के अनुसार मठार देव मंदिर परिसर के आसपास पर्यटन की अपार संभावनाएं है. इस स्थान का SUN RISING – SUN SET देखने पर्यटक देश के अलग – अलग स्थानों से पहुंचते है. प्रकृति का अनुपम सौंदर्य इस स्थान में मौजूद है. बरसात के मौसम में यह का नजारा और प्रकृति की अनुपम छटा और झरनों की सुंदरता देखते ही बनती है. सतपुड़ा पावर प्लांट, सतपुड़ा बांध, सतपुड़ा की घाटियों का दृश्य धाम से देखते ही बनता है.फिल्म शूटिंग के लिए यह की LOCATION बढ़ी उपयुक्त है. बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ का शूट यही हुआ है. मठार देव एक विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है यादि यहां रोप वे और अन्य तरह की सुविधाएं पर्यटकों के लिए सरकार उपलब्ध करवाती है.मध्य प्रदेश का एक बड़ा पर्यटक केंद हो सकता है।
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यादि आप प्राकृतिक सौंदर्य का लुप्त उठाना चाहते है,आपको ट्रैकिंग का शौक है. जंगलों के बीच शांत माहौल और शांति का अनुभव उठाना है तो बैतूल जिले के सारणी में सतपुड़ा की हसीन वादियों से घिरा बाबा मठार धाम एक बढ़िया अनुभव हो सकता है.
कैसे पहुंचें बाबा मठार देव धाम- बैतूल जिले के सारणी में स्थित है. बाबा मठार देव भोपाल से नागपुर 69 राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ग्राम बरेठा से 33 किलोमीटर की दुरी पर है, सारणी जाने के लिए अनेक साधन उपलब्ध रहते है। साथ ही बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन से इसकी दुरी मात्र 18 किलोमीटर है।