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PLI सबसे पुरानी सरकारी इंश्योरेंस स्कीम – शासकीय कर्मचारी कैसे उठाए इसका फायदे पढ़े पूरी रिपोर्ट

नीति संवाद। यदि आप सरकारी या अर्ध सरकारी कर्मचारि है तो लाइफ इंश्योरेंस कवर के रूप में केंद्र सरकार की पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस योजना आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. सरकार पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस में कर्मचारियों को कम बीमा किस्त पर अधिक अमाउंट का भुगतान करती है. भारत सरकार ने 1984 में पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस शुरू किया था. जिसके तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी, राज्य सरकार कर्मचारी, देश की सेवा में लगे सैनिक, अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीयकृत बैंक में काम करने वाले कर्मचारी, सरकारी शैक्षिक संस्थान के टीचर और कर्मचारी जैसे कई लोगों को कवर दिया जाता है.

अब सवाल यह है कि पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस के तहत लाभार्थी को किस तरह की स्कीम ऑफर की जाती है. तो इस योजना के तहत कर्मचारियों को संपूर्ण जीवन बीमा (सुरक्षा), परिवर्तनीय संपूर्ण जीवन बीमा (सुविधा), बंदोबस्ती आश्वासन (संतोष), संयुक्त जीवन बीमा (युगल सुरक्षा) की सुविधा दी जाती है. इस योजना में कर्मचारियों के बच्चों को भी ध्यान में रखते हुए चिल्ड्रन पॉलिसी (बाल जीवन बीमा) ऑफर की जाती है. ध्यान रहे एक कर्मचारी केवल दो ही बच्चों का बीमा कवर ले सकता है.इस स्कीम में लगातार 4 साल तक पॉलिसी को चलाने के बाद पॉलिसी होल्डर को इस पर लोन लेने की भी सुविधा दी जाती है. अगर आप पॉलिसी को लंबे समय तक चला पाने में सक्षम नहीं हैं, तो आप इसे 3 साल बाद सरेंडर भी कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इसे 5 साल से पहले सरेंडर करते हैं तो आपको इस पर बोनस का लाभ नहीं मिलेगा. 5 साल बाद सरेंडर करने पर बीमित राशि पर आनुपातिक बोनस का भुगतान किया जाता है.पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस लेने वाले कर्मचारियों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिसमें प्रमुख बातें यह है कि पॉलिसी लेने के बाद बॉन्ड कहीं गुम न हो इसलिए सुरक्षित जगह रखना चाहिए. पॉलिसी का नंबर, ड्यू डेट, प्रीमियम के अमाउंट, पोस्ट ऑफिस का फोन नंबर, और पॉलिसी के तहत नॉमिनी को किसी डायरी में नोट कर लेना चाहिए. अगर आप अपना पता फोन नंबर, ईमेल, आईडी आदि बदलते हैं तो इसकी जानकारी पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को देना चाहिए.

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