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समाजसेवा के क्षेत्र में गौरव राय ने स्थापित किया मुकाम; निःस्वार्थ भावना से कायम की “Oxygen Men” ने मिसाल

आज भी समाज़ में ऐसे लोग है जो  किसी स्वार्थ और लोभ के बिना जरूरतमंदों की मदद कर रहे है | समाज़ के निचले स्तर तक पहुँच कर लोगों की मदद करना गौरव राय की फितरत बन गई है | कोरोना काल में जब लोग घरों में दुबके हुए थे और अपनी अंतिम साँसें गिन रहे थे तब गौरव राय ने हिम्मत और साहस दिखाते हुए हज़ारों लोगों की भी जान बचाई थी | यह वो खौफनाक दौर था जब लोग सेकंड दर सेकंड खौफ़ में जिंदगी गुज़ार रहे थे | Oxygen Men गौरव राय ने अपनी जान की परवाह किए बैगर मरीजों के घरों में जाकर उन्हें मदद पहुँचा रहे थे |

कोरोना के दौर में उन्होंने लोगों की निःस्वार्थ सेवा की | उन्होंने गंभीर रूप से बीमार रोगियों को होम आइसोलेशन में मुफ्त ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करते हुए पूरे राज्य में 1,500 से अधिक लोगों की जान बचाई थी | इतना ही नहीं कोरोना के ठीक होते ही उन्होंने अपने घर में ही ऑक्सीजन बैंक शुरू किया और लोगों को इससे काफी लाभ भी पहुँचा | गौरव कोरोना के समय अपनी गाड़ी से मरीजों के घर तथा अस्पतालों तक खुद से जाकर ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करवाते थे |

ताज्जुब की बात यह थी कि जिस दौर में लाखों खर्च करने के बाद भी ऑक्सीजन सिलिंडर लोगों को नहीं मिल पाता था, उस समय गौरव मुफ़्त में मरीजों को सिलिंडर मुहैया करवाते थे | इससे बड़ा धर्म क्या ही हो सकता है | मानवता के लिए इससे बड़ा कोई काम हो ही नहीं सकता है | गौरव साक्षात् भगवान के रूप में मरीजों के सामने प्रकट हो जाते थे | उन्होंने जुलाई 2020 में सिर्फ तीन ऑक्सीजन सिलेंडर से पहल की शुरुआत की थी और अब 122 सिलेंडर उनके पास हैं।

खुद की सैलरी से प्रति माह खर्च करते ₹40,000

बिहार के सिवान जिले से तालुक रखने वाले गौरव राय ने शुरुआती पढाई लिखाई सिवान से करने के बाद गौरव आगे की पढाई के लिए पटना आ गए | वहाँ से उन्होंने स्नातक किया और फ़िर जॉब करने लगे | 29 साल से पटना में ही प्रायवेट कंपनी में जॉब कर रहे है | इसके साथ ही पिछले 2 साल से जेनरल मैनेजर ओपरेशन के रूप में अपनी सेवा दे रहे है | शुरू से ही जनता की सेवा करना तथा समाजसेवा इनकी आदत रही है | समाज़ की सेवा के साथ साथ अपने घर पर भी बच्चों का ध्यान बखूबी रखते है | आपको जानकर हैरानी होगी कि गौरव प्रति माह अपने सैलरी में से करीब ₹40,000 जरूरत मंदों की मदद के लिए खर्च करते है | आज के समय में गौरव जैसे बहुत कम व्यक्ति मौजूद है | इतना ही नहीं, उनकी पत्नी भी इस मुहिम का हिस्सा है और गौरव का भरपूर समर्थन करती है |

इतना ही नहीं गौरव समय समय पर कुछ नया करते रहते है | अभी हाल के दिनों में गौरव बिहार के विभिन्न हिस्सों में घूम घूम कर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवा रहे हैं | बिना किसी सरकारी मदद के अपने खर्च पर पूरे बिहार भर में घूम घूमकर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवा रहे हैं |

पटना के छज्जूबाग स्थित ओसीएम महिला हेल्प लाइन (सखी वन स्टॉप सेंटर-महिला हेल्पलाइन) में गौरव रॉय ने सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाई है | गौरव राय से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि अब तक कुल 91 पैड मशीन बिहार में वो लगवा चुके हैं | साथ ही कुल 750 मशीन लगाने का लक्ष्य है | यह महिलाओं और कन्याओं के लिए बेहद जरूरी है | उन्होंने बताया कि यह बच्चियों के लिए ज्यादा जरूरी है नहीं तो उन्हें गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है | उन्होंने बताया कि पैड मशीन में 5 रुपया डालकर एक पैड निकाला जा सकता है | इसके साथ ही एक मशीन पर पांच हजार का खर्च लगता है |

Oxygen Men और पैडमैन से हुए प्रचलित

इतना ही नहीं गौरव अपनी गाढ़ी कमाई से अबतक कुल 125 सायकिल जरूरत मंदों को बाँट चुके है | इसके साथ ही अभी तक कुल 94 बार ब्लड भी डोनेट कर चुके है | कोरोना काल में  यह मरीजों का हौसला अफजाई भी अपनी तरीके से करते थे | जो मरीज़ ठीक हो जाते थे उनके लिए गौरव केक लेकर उनके घर या अस्पताल तक पहुँच जाते थे | कोरोना दौर में उन्होंने अपने पैसों से कुल 3067 ऑक्सीजन सिलिंडर को रिफिल करवाया था | इनकी इस नेक कार्य की वजह से इन्हें Oxygen Men के रूप में भी जाना जाने लगा | अब Oxygen Men से पैड मैन तक का सफ़र इन्होंने बड़ी जल्दी तय कर ली है | इन्होंने कुल 1758 लोगों को खुद सिलिंडर लगवाया जिसमें से 148 लोगों की मौत हो गयी थी | इसके साथ ही गौरव ने अभी तक जरूरतमंदों को 22 सिलाई मशीन भी प्रदान किया है |

सच में गौरव की कहानी सभी को एक सीख देती है और समाज़ में हर व्यक्ति को एक प्रेरणा देती है | अगर गौरव जैसा समाज़ में 10-20 भी हो जाएं तो यह समाज़ काफी आगे निकल जायेगा और सभी जरूरतमंदों को काफी कुछ मदद मिलेगी | इनकी कहानी हर व्यक्ति को एक प्रेरणा देती है कि वह भी समाज़ के लिए कुछ न कुछ करें | गौरव जैसे लोगों को दिल से सलाम |

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