पाकिस्तान के अय्याश राष्ट्रपति याहया खान की आज भी मौजूद है मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में निशानी
किस्सा कहानी पाकिस्तान के राष्ट्रपति याहया खान
एक दौर था जब पाकिस्तान नाम का देश हुआ नही करता बस था तो हिंदुस्तान मगर देश में फिर अंग्रेजो का आगमन हुआ,सैकड़ो वर्षो तक उन्होंने भारत देश में राज्य किया. देश के ही कुछ लोगों को अपने साथ मिलाकर मुट्ठी भर अंग्रेजो ने अपना एक छत्र राज कायम किया और देश में आजादी के दौरान हिंदुस्तान(hindusthan) से जाते – जाते एक संप्रदायिक घाव देकर गए जिससे हिंदुस्तान के दो टुकड़े हो गए और बन गया पाकिस्तान.
उसी पाकिस्तान (pakisthan) के तीसरे राष्ट्रपति स्थानीय लोगों के किस्सो के अनुसार कभी याहया खान छिंदवाड़ा में ब्रिटिश भारतीय सेना में हुआ करता था.छिंदवाड़ा(chhindwara) से तकरीबन 7-8 किमी दूर वर्तमान में ग्राम इमलीखेड़ा जहां अभी पशु प्रजनन केन्द्र मौजूद है. वह कभी अंग्रेजो की छावनी हुआ करती थी. उस अंग्रेजो की छावनी में याहया खान हुआ करता था उसी दौरान उसके द्वारा दो पानी टंकी का निर्माण किया.शायद वह पानी की टंकी उस समय अंग्रेजी सेना के पानी पीने के उपयोग में ली जाती थी.उसमे से एक टंकी आज पूरी तरह नष्ट की जा चुकी है. मगर दूसरी टंकी वह अभी भी अच्छी खासी हालत में मौजूद है.बड़े चोखोड़ पत्थरों और सीमेंट की मदद से बनाई गई पानी की टंकी का डिजाइन बड़ा अनोखा किस्म का है. ये देखने में किसी इमारत के समान प्रतीत होती है। आठ खोखले डिजाइननुमा दरवाजों के बीच इसके लोहे के पाइप भी अभी सही सलामत है.
याहया खान का जन्म अविभाजित भारत के चकवाल पंजाब में हुआ था उसकी शिक्षा कर्नल ब्राउन कैंबिज स्कूल देहरादून में हुई थी.उसके पिता भी भारतीय ब्रिटिश सेना में कांस्टेबल के रूप में कार्य करते थे.याहया खान को 1939 में ब्रिटिश सेना में नियुक्त किया गया उसने द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय ब्रिटिश सेना के कप्तान के रूप में कार्य किया. भूमध्यसागरीय थिएटर में एक्सिस शक्तियों के खिलाफ सेवा की और ब्रिटिश पैदल सेना डिवीजन में प्रमुख सैन्य पदों पर कार्य करता रहा एक ब्रिटिश अधिकारी के रूप में उसने इराक इटली उत्तरी अमेरिका में अपनी सेवा दी.1939 से 1947 के बीच कभी वह छिंदवाड़ा में मौजूद छावनी में रहा और उसी दौरान उसने वह पानी की टंकी का निर्माण किया.
एक तानाशाह अय्याश किस्म के शख्स के तौर में जानता है, याहया खान को इतिहास….
याहया खान (yahaya khan) एक रंगीन मिजाज़ का शख्स था.उसे शराब का बड़ा शौक था. शराब पीने वाले व्यक्ति के अंदर जो भी कु प्रवृति होती है वह सब उसमे मौजूद थी. याहया ख़ान शराब पीने के लिए इतना बदनाम था, कि सैनिक कमांडरों को निर्देश दिए गए थे कि वो उनके ऐसे किसी मौखिक आदेश का पालन न करें जो रात के 10 बजे के बाद दिए गए हों. शराब के साथ उसके शबाब के शौक के किस्से भी बड़े मशहूर हुए याहया की वार्मिंग पार्टी ‘जनरल रानी’ नाम से मशहूर महिला अकलीम अख्तर, लिजेंड्री सिंगर नूरजहां के साथ उसके संबंधो की लंबी कहानी इतिहास में मौजूद है।
पाकिस्तान में विलेन के रूप में याद किया जाता है, याहया खान..
पाकिस्तान के दो टुकड़े होकर एक अन्य देश बांग्लादेश बनने में हुई पाकिस्तान की हिंदुस्तान से हार के लिए पाकिस्तानी अपने ही राष्ट्रपति याहया खान को जिम्मेदार ठहराते है. पाकिस्थानियो को लगता है याहया खान की गलत नीतियों की वजह से बंगाली समुदाय भड़क गया उस बंगाली विद्रोह को उनने भड़काने का काम किया.याहया खान से पाकिस्तान में सेना अधिकारी के रूप में मिले सभी पुरुस्कार को वापस ले लिया गया.
ये थी अविभाजित भारत में ब्रिटिश सेना के अधिकारी और पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति की कहानी और छिंदवाड़ा जिले में उसकी मौजूदगी का किस्सा ये सब जानकारी स्थानीय लोगों से बात करके उनके द्वारा बताई गई कहानी से जुटाई गई है ।