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“जंगल बुक” का मशहूर पात्र मोगली जिसे भेड़ियों ने पाला छिंदवाड़ा जिले से है, विशेष संबंध

कहानी/ पेंच नेशनल पार्क/ जंगल बुक

90 का दौर था एक कार्टून सीरीज लोगों के दिल में जगह बना रही थी, नाम था “जंगल बुक” क्या आप जानते है ? जंगल बुक का एनिमेशन वर्जन फिल्माने का काम जापान ने किया जब ये सीरीज जापान में आई तो हर कोई जापानी इसका दीवाना हो गया.

जब भारत में इस कार्टून सीरीज का पता चला की कोई भारतीय पात्र जापान में लोगों का इतना मनोरंजन कर रहा है और इतना अधिक पापुलर हो चुका है. तब भारत में इस कार्टून सीरीज को हिंदी में डब करके प्रसारण करने का विचार आया. ऑफ शिओन मोगली को हिन्दी में डब करवाया गया और फिर इस कार्टून सीरियल ‘द जंगल बुक‘ को दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। प्रसारण होने के बाद ये भारत में भी अत्यधिक पसंद किया गया। सीरियल का टाइटल सांग ‘जंगल जंगल बात चली है, चड्डी पहन कर फूल खिला है…‘ काफ़ी famous हुआ जिस को लिखा था मशहूर गीतकार गुलज़ार ने और इसे संगीत दिया था विशाल भारद्वाज ने ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्तर में ख्याति प्राप्त कार्टून सीरीज का मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से गहरा नाता है।
“जंगल बुक” की कहानी जिस क्षेत्र से निकली थी वह छिंदवाड़ा जिले में मौजूद पेंच नेशनल पार्क के जंगलों में रहने वाले जानवरों और उनके बीच पले बढ़े एक इंसानी बच्चे की कहानी थी, जो भेड़ियों के बीच रहकर उनके जैसा ही व्यवहार करने लगा. उसने अपने दोस्त जंगल का बाघ अजगर भालू जैसे जंगली जानवरों को बना लिया वही उसका दुश्मन एक शेर था। जिसे उसने अपने बहादुरी से हराया था. आज भी पेंच नेशनल पार्क उसके आस पास के क्षेत्रों में मोगली और शेर खान की कहानियों को किदवंती के रूप में सुनाया जाता है।

तथ्यात्मक प्रमाण के रूप में अंग्रेज अफसर के दस्तावेज का दिया जाता है, हवाला

पेंच नेशनल पार्क जो की छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में संयुक्त रूप से मौजूद है, सर विलियम हेनरी स्लीमन के एन एकाउंट ऑफ वाल्वस नरचरिंग चिल्ड्रन इन देयर डेन्स शीर्षक दस्तावेज में लिखा था कि सिवनी के संतबावडी गांव में सन 1831 में एक बालक पकड़ा गया था जो इसी क्षेत्र के जंगली भेड़ियों के साथ गुफाओं में रहता था। इसके अलावा जंगल बुक के लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने जिन भौगोलिक स्थितियों बैनगंगा नदी, उसके कछारों तथा पहाड़ियों की चर्चा की थी वे सभी वास्तव में इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से पूरी तरह मेल खाती हैं।

पेंच का घना जंगल आज करता है दुनिया भर के सेलानियों को आकर्षित

छिंदवाड़ा,सिवनी जिलों से लगा पेंच नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व 750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान और सेंचुरी का कोर एरिया 410 वर्ग किमी में फैला है। इस बेहतरीन पार्क को देखने और फिर से “जंगल बुक ” की मशहूर कहानी को महसूस करना चाहते है. क्षेत्र के जंगलों को अनुभव करने के लिए आप भी आ सकते है। हवाई मार्ग- नागपुर का सोनगांव एयरपोर्ट पेंच नेशनल पार्क से 93 किमी की दूरी पर है। लगभग सभी बड़े शहरों से नागपुर के लिए फ्लाइट की सुविधा मिलती है। और रेल मार्ग- की बात करे छिंदवाड़ा , सिवनी रेलवे स्टेशन यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. वही सड़क मार्ग के लिए- बस स्टैंड से लगातार पेंच नेशनल पार्क के लिए बस और जीप चलती रहती हैं। छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश से लेकर महाराष्ट्र हर जगह से जुड़ा हुआ है।

AD Sahu

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।

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