मशहूर कहावत है “तालों में ताल भोजताल बाक़ी सब तलैया” भोजताल … जाने पूरी कहानी
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पर्यटन स्थल / भोपाल
ऐसा शायद ही कोई शख्स हो जो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल घूमने आए और भोजताल न देखने जाए. राजा भोज की नगरी भोपाल की भोजताल के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती.भोजताल (बड़ा तालाब ) भोपाल के पश्चिमी हिस्से में तकरीबन 31 किमी के विशाल दायरे में मौजूद है.जिसमे 361 किमी दूर क्षेत्र से पानी एकत्रित किया जाता है.
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आज भोजताल ( बड़ा तालाब) देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतरीन अनुभव प्रदान करने वाला पर्यटक स्थल है.इतिहास की वर्णित जानकारी के अनुसार भोज ताल के आस पास से ही भोपाल शहर की बसाहट की शुरुवात हुई थी। भोजताल के दक्षिण में वन विहार उत्तर पूर्व में मानव निर्मित बसाआहट मौजूद है. वही पश्चिम में कृषि भूमि मौजूद है.
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भोजताल का इतिहास
परमार वंश में एक बड़े तेजस्वी बुद्धिमान माता सरस्वती के परम भक्त पराक्रमी राजा भोज का जन्म हुआ. राजा भोज 64 प्रकार सिद्धि के स्वामी थे. उनके शासन काल के दौरान उनकी प्रसिद्धि और यशगान भारत समेत विदेशों में फैलने लगा. ऐसे पराक्रमी राजा भोज ने अपने राज्य की संस्कृति से लेकर राज्य के चहुमुखी विकास के लिए विशेष प्रयास किए और सफलता अर्जित की.
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इन्ही राजा भोज के 55 वर्षो के शासन काल में भोज पाल नगरी (भोपाल ) का निर्माण हुआ. और इसी भोजपाल नगरी में राजा भोज ने विशालकाय झील का निर्माण करवाया जिसे आज भोपाल का बड़ा तालाब कहते है.
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इतिहास में वर्णित कहानियों के अनुसार एक बार राजा भोज को चर्म रोग की बीमारी हो गई. अनेक तरह के उपचारों के बाद भी जब राजा भोज की बीमारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी तब एक दिव्य संत ने राजा भोज को एक ऐसे जल स्रोत (नदी) में स्नान करने की सलाह दी जिसमें सैकड़ों नदियों के पानी का जल मिलता हो तब राजा भोज ने ऐसे जल स्रोत ढूंढने के का कार्य में अपनी सेनिको को लगवाया. सैनिकों की तलाश बेतवा नदी में जाकर खत्म हुई बेतवा नदी में तीन सौ से अधिक सहायक नदियों नालों का पानी एकत्रित होता था. उसी स्थान से कुछ दूरी में कोलन नदी में मिट्टी के बांध से भोज झील का निर्माण किया गया उस झील में स्नान के बाद राजा भोज को अपने रोग से मुक्ति मिली.
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वर्तमान में भोजताल (बड़ा तालाब) अपर लेक
आज भोजताल भोपाल का बड़ा पर्यटक स्थल है. इसके आस पास कई तरह के टूरिस्ट स्पॉट विकसित किए गए है. जिसे देखने अलग – अलग स्थानों से पर्यटक यहां पहुंचते है. बोट क्लब वन विहार वीआईपी रोड कमलापति पार्क भोज सेतु के आसपास काफ़ी संख्या में सैलानी मौजूद रहते है. भोपाल प्रशासन निरंतर इसकी व्यवस्था रख रखाव और विकास के लिए प्रयत्नशील रहता है.
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राजा भोज द्वारा निर्मित भोजताल पर्यटकों के लिए बेहतरीन अनुभव स्थल है, भोपाल की आत्मा भोज ताल यह आने वाले सभी सेलानियों के लिए एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है.इसलिए कहा भी जाता है ” तालों में ताल भोज ताल बाकी सब तलैया ”
यादि आप भोपाल में आए और राजा भोज का ताल नही देखा तो क्या देखा.