“A Soldier Is Never Off Duty” वायु सेना में पदस्थ जवान अंशुल पहाड़े की कहानी
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0073-780x470.jpg)
कहानी/सोल्जर सिटी फाउंडर अंशुल पहाड़े
2014 में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म आई थी, जिसका नाम था हॉलीडे, फिल्म में दिखाया गया था, कैसे एक आर्मी ऑफिसर सेना की छुट्टी लेकर अपने परिवार से मिलने घर आया होता है. एक आतंकी घटना होने के बाद कैसे आतंकवादी को ढूंढकर मारता है। उक्त पूरी कहानी के लिए फिल्म निर्माता उसकी टैग लाइन “ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी” से दर्शकों को बांधने की कोशिश करते है। ये तो रील लाइफ है इसमें तो बहुत कुछ ऐसा भी दिखा दिया जाता है,जो आम जीवन में शायद ही हो!
(जानिए किस तरह Rising Youth Foundation के माध्यम से शुभम दे रहे दिव्यांगों और वंचित लोगों को डिजिटल शिक्षा)
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0064-1024x768.jpg)
मगर हम आज आप के लिए ऐसे शख्स की कहानी लेकर आए है जो real life में “A Soldier Is Never Off Duty” जैसी फिल्मी लाइन को असल जिंदगी में पूर्ण कर रहा है. हम बात कर रहे है, छिंदवाड़ा जिले के अंशुल पहाड़े की जो वर्तमान में वायुसेना में पदस्थ है। शुरू से ही देशभक्ति और देश और समाज के प्रति कुछ करने के जुनून ने मध्यवर्गीय परिवार में जन्में अंशुल को लोगों की मदद करने की प्रेरणा प्रदान की।
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0055-1024x768.jpg)
आज अंशुल द्वारा छिंदवाड़ा जिले में सोल्जर सिटी नाम से एक ग्रुप चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से जिले के युवक युवतियां जिन्हे पुलिस, सेना रक्षा क्षेत्रों में जाकर देश सेवा करनी है। उनको निशुल्क शारीरिक परीक्षण दिया जा रहा है।अंशुल अपने प्रशिक्षण से 100 से अधिक युवा सेना और पुलिस देश सेवा के लिए तैयार कर चुके है।
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0014-1024x558.jpg)
वायुसेना में भर्ती होने की अंशुल पहाड़े की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है, शुरू से ही देश सेवा सेना में जाने के जुनून था.अंशुल पहाड़े के सपनों में दिक्कतें बहुत हीं अधिक थी। अंशुल के पिता हिंदुस्थानलीवर से 2004 मे सेवानिवृत हो गए। परिस्थिया आसान नहीं थी. घर में बड़ी बहन को भी multiple medical issues थे। बड़ी परेशानियों के बीच अपने मनोबल दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत 2011 के पास उनका चयन वायुसेना में हो गया इसके बाद से ही अंशुल ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। किसी अन्य परिवार के लोगों को उनकी जैसी परिस्थियों का सामना ना करना पड़े उनके द्वारा सोल्जर सिटी ग्रुप के माध्यम से शारीरिक परीक्षण साथ ही भारतीय सेना में कार्यरत सेनानी और उनके परिवार को सुबह नाश्ता निशुल्क करवाया जाता है। ग्रुप के माध्यम से समय समय में ब्लड डोनेशन करवाया जाता है खुद अंशुल अभी तक 17 बार ब्लड डोनेशन कर चुके है। विगत 7 वर्षो से निरंतर छिंदवाड़ा के 7000 से अधिक युवाओं को निशुल्क शारीरिक परीक्षण दे चुके है।
बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में हुए घायल
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0046-1-764x1024.jpg)
13 मार्च 2019 में जब सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक की गई तब अंशुल पहाड़े के बाएं पैरो मे हेलिकाफ्टर का जैक आ गिरा. जिससे पैरो में फैक्चर की वजह से सेना से medical leave लेना पड़ा।उसके बाद sick leave ke दौरान छिंदवाड़ा आने के बाद रोजाना सुबह ग्राउंड में आकर अपने स्टूडेंट को प्रशिक्षण देते रहे। जब भी अंशुल पहाड़े छुट्टी में छिंदवाड़ा आते है, वह ग्राउंड में आकर युवाओं को प्रशिक्षित करते है।
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0042-1024x461.jpg)
वर्तमान में अंशुल पहाड़े कोयंमबटूर में अपनी सेवा दे रहे, जब भारत संवाद ने उनसे सम्पर्क किया तब उन्होंने बताया की छिंदवाड़ा में शुरू से ग्राउंड ट्रेनिग का बहुत अभाव था। मैने अपनी ज्वाइनिंग से पहले ही सोचा था यादि मेरा सेना में सिलेक्शन नही भी हुआ। तो में लोगों को ट्रेनिंग देकर ऐसे ही देश सेवा से जोडूगा। मेरा एक सपना है छिंदवाड़ा को सोल्जर सिटी बनाने का जिसके लिए में लगातार कार्यरत हूं।
![](https://bharatsamvaad.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20230303-WA0076-881x1024.jpg)
ये है छिंदवाड़ा के वायुसेना में पदस्थ अंशुल पहाड़े की कहानी ऐसे ही हजारों सैनिक अपने कार्यों से देश सेवा समाज सेवा में निरंतर कार्यरत है। भारत संवाद ऐसे लोगों की कहानी आपके बीच लाते रहेगा फिर वही लाइन एक जवान के लिए ” A Soldier Is Never Off Duty” ऐसे ही अन्य प्रेरणादायक कहानी के लिए जुड़े हमारे साथ।