#BSPodcasts: क्या होता है Psephology का अर्थ? जानिए Expert Psephologist पुर्णेन्दु शुक्ला से
आज भारत संवाद के मेहमान है, जाने माने Psephologist पूर्णेन्दु शुक्ला
Q. और सब से पहले मुद्दे का सवाल – Psephology क्या है?
A. देखिए Psephologist एक english word है तो उसको देखकर लोगों को लगता है कि यह कुछ बड़ी अनोखी चीज होगी, ज्यादातर लोगों में Psychology शब्द से अपभन्श हो जाता है. मगर यह चुनावी विश्लेषक के रूप का कार्य है. चुनाव की एक scientific प्रक्रिया से विश्लेषण करना Psephology कहलाता है।
हाल ही में आये Tripura, Nagaland और Meghalaya के चुनावी नतीजों का Analysis सुनने के लिए, सुनने हमारा Podcast देवेंद्र शुक्ला के साथ
Q. Psephologist का इतिहास क्या है? ये प्रारंभ कहां से हुआ?
A. इसका इतिहास हमें दो तरह से देखना चाहिए। पहला की Psephology word प्रसिद्ध कैसे हुआ – चुनावी विश्लेषक का ये कार्य तो पहले से चला आ रहा है। इस शब्द को coin करने का श्रेय Oxford के Professor आर बी मैकुलम को जाता है। UK election में इसे coin किया था पर इसे popular करने का श्रेय जाता है, डेविड बटलर को जिन्हे Father of Psephology भी माना जाता है। रही चुनावी विश्लेषक और ओपिनियन पोल के इतिहास की बात तो पहली बार इसका जिक्र 1824 में अमेरिकी अखबार ने लोकल इलेक्शन के दौरान लोगों से जिक्र और बाते करके, अपने अख़बार में चुनाव पूर्व Opinion छापा था मगर ये scientific नहीं था। पहला मॉडर्न साइंटिफिक पोल गहलक पोल था – आज ये Profession सारे विश्व में फैल चुका है।
Q. ज्यादातर सटीक होने वाले चुनावी सर्वे कई बार फेल हो जाते है?
पिछले 40 सालो में भारत में 800 से ज्यादा ओपिनियन पोल हुए है. भारत में अब तक के चुनाव परिणाम में हुए पूर्व सर्वो का सक्सेस रेट उतना खराब नही है
इसके आलावा Psephology के बारे में काफी गहराई में हुई चर्चा को पूरा सुनने के लिए, यहाँ Click करें