धार जिले की “बाघ छपाई” कला अंतराष्ट्रीय स्तर में बना रही पहचान
कला/संस्कृति
मध्यप्रदेश में वर्षो से कला संस्कृति को संजोने का कार्य हो रहा है,ऐसी कई कलाकृति या कलाकारी है, जो देश दुनिया से विलुप्त होने की कगार में है. यहां हम एक ऐसी कलाकारी की बात कर रहे है. जो आज मध्यप्रदेश के धार जिले में पुरोखों से चली आ रही है. हजारों वर्षों पूर्व कभी ये कलाकारी सिंध प्रांत में पाई जाती थी. वह के तानाशाही शासकों ने कलाकारों की कभी कद्र किया ही नहीं ! विपरीत वातावरण ने कलाकारों को अपने क्षेत्र को छोड़कर जाने में मजबूर कर दिया बात हो रही है “बाघ छपाई” के कलाकारों की बाघ छपाई पूर्णता प्राकृतिक रूप से तैयार रंगो और कपास के कपड़ो में छपाई करके वस्त्र निर्माण करने की एक अनोखी कलाकारी है. जिसका नाम मध्यप्रदेश के धार जिले से 90 किमी दूर बाग नदी के तट पर गांव बाग नाम से लिया गया है। इस कलाकारी से निर्मित वस्त्र पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली होते है।
बाघ छपाई पूर्णता इको फ्रेंडली रंगो का होता है, उपयोग
बाघ प्रिंट के लिए धावड़े के पत्ते, धावड़ी के फूल, अनार के छिल्के, धावड़े के गोंद, आल की जड़, कसुमल के फूल, हारसंगर के फूल, नीम के पत्ते, गुड़, इमली के बीज, गेहूँ के पत्ते, मजीट जैसी और भी कई वनस्पतियों से रंग निकालकर शिकायतें झूठ, साड़ियां और उपयुक्त जैसी चीजें बनाई जाती हैं। बाघ प्रिंट कलाकारी से निर्मित वस्त्र निर्माण पूर्णता हाथों के द्वार होता है. एक साड़ी के तैयार होने में तक़रीबन 25-30 दिन का समय लगता है।
आज राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर में है, उत्पादों की पहचान
पारंपरिक रूप से भील भीलाला जनजातियों को विशिष्ट पहचान देने वाली बाघ छपाई कला 1980 के बाद से शहरी क्षेत्र और आधुनिक दौर के लोगों की भी पसंद बने। जिसके बाद अन्य डिजाइन विकसित किए; इन डिजाइनों में साड़ी, सलवार कमीज शामिल हैं, कुशन और टेबल के लिए कवर, ब्लॉक प्रिंटेड सिल्क साड़ी, टसर सिल्क, सिल्क स्टोल, स्कार्फ आदि। नवीन लकड़ी के ब्लॉक और रंग बनाए जो उनके लंबे जीवन के कारण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी पहचान बनाई। इनमें बाँस की चिक या चटाइयों पर ब्लॉक प्रिंटिंग जैसे शिल्प, चमड़ा, जूट और कपड़े के अलावा अन्य सामग्री भी शामिल हुई।
आज इससे जीवन यापन करने वाले कलाकार और ये विधा अपनी हस्त शिल्प शैली अनोखी कलाकारी से राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर में ख्यातिप्राप्त कर रही है। इटली की अंतराष्ट्रीय फैशन पत्रिका VOGUE में धार जिले की महिला सीता की “बाघ छपाई ” कलाकारी से निर्मित साड़ी के साथ फोटो छपना इसका प्रमाण है।