विश्व के 180 देशों मे सहज योग नामक नए धर्म की अलख जगाने वाली करोड़ों अनुयायी द्वारा मान्यता प्राप्त निर्मला देवी
संस्कृति/ अध्यात्म
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से लगा हुआ मध्यप्रदेश का एक छोटा सा जिला छिंदवाड़ा जहां 21 मार्च सन् 1923 में प्रसाद राव साल्वे के घर एक अद्भुत बच्ची का जन्म होता है. जिसका निष्कलंक रूप क्रांतिमान चेहरा जिसने भी देखा उसका मन निर्मल हो गया. मां और पिता ने नाम रख दिया निर्मला आज वही निर्मला करोड़ों अनुयायी के बीच माता निर्मला देवी के नाम में विश्वप्रसिद्ध है।
देवी निर्मला का दावा था की वह स्वयं आदिशक्ति का अवतार है, जिसे उनके समर्थक मान्यता भी देते है. देवी निर्मला के अनुसार उन्हे जन्म से ही मनुष्य के सम्पूर्ण नाड़ी तंत्र का ज्ञान था, साथ ही वो इसके उर्जा केन्द्रों से भी परिचित थीं। परन्तु इस सम्पूर्ण ज्ञान को वैज्ञानिक आधार देने तथा वैज्ञानिक शब्दावली के अध्ययन हेतु उन्होंने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, लुधियाना और बालकराम मेडिकल कॉलेज, लाहौर से आयुर्विज्ञान एवं मनोविज्ञान का अध्ययन किया था। अपनी आध्यात्मिक सहज योग आराधना से करोड़ो लोगों की प्रेरणा बन गई.
स्वंत्रता आंदोलन में भाग लिया आध्यात्मिक विचारों से महात्मा गांधी भी प्रभावित
निर्मला देवी के पिता प्रसाद राव साल्वे शुरू से ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल थे. महात्मा गांधी ने उनके अच्छे ताल्लुक थे,वे खुद सविधान सभा में सदस्य रहे सविधान लिखने में मदद की ऐसे में आजादी के आंदोलन में बचपन से निर्मला देवी जुड़ी हुई थी. महात्मा गांधी के आश्रम में रहने लगी उनके अध्यात्म दर्शन से महात्मा गांधी प्रभावित थे वह उन्हें प्रोत्साहित करते रहते थे.
निर्मला देवी का सहज योग क्या है ?
सहज योग ध्यान की एक अनूठी विधि है जो आत्मसाक्षात्कार (कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण) नामक एक अनुभव पर आधारित है जो प्रत्येक मनुष्य के भीतर हो सकती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से एक आंतरिक परिवर्तन होता है जिसके द्वारा व्यक्ति नैतिक, एकाग्र, एकीकृत और संतुलित हो जाता है।
छिंदवाड़ा में हर साल मनाया जाता है निर्मला देवी का जन्म महोत्सव
23 फरवरी 2011 में इटली के जानोआ में निर्मला देवी ने अपना देह त्याग दिया परंतु आज भी उनके समर्थक दुनिया के अलग अलग देशों से उनकी जन्मस्थली में एकत्रित होकर उनका जन्म महोत्सव मानने आते है. इटली फ्रांस जर्मनी यूएसए रोमेनिया जैसे देशों के नागरिकों से जब में मिला तो उनके अनुसार माता निर्मला देवी के सहज योग के बताए रास्ते ने उन सभी लोगों के जीवन को परिवर्तित किया है. माता की 100 वी शताब्दी जन्म महोत्सव मानने के लिए हम सभी उत्सुक है.